दिव्य भारत मीडिया, बक्सर डेस्क : हिंदी के अस्तित्व पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन नेहरु युवा केंद्र के द्वारा आजीविका एक अथक प्रयास के परिसर में हुआ जिसमें आजीविका के सदस्यों ने भाग लिया एवं एवं अपने विचार रखें ।
विचारों के कुछ अंश
हिन्दी मातृभाषा ही नहीं यह मानवता का अहसास है। यह मानव जीवन की विषमताओं की याद दिलाती है। यह एक माध्यम न होकर उससे परे एक भाव है। विद्यार्थियों को अपनी सृजनात्मकता, मौलिक चिंतन को विषयान्तर्गत रूप से हिन्दी व्याकरण और वर्तनी में सुधार की और ध्यान देना होगा, ताकि निर्मित शब्दों का हिंदी में परिभाषित शब्द सही तरीके से व्यक्त/लिख सके।हिंदी भाषा त्रुटिरहित, मिलावट रहित होकर अपनी गरिमा बनाए रख सके। हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु हर लेखनीय कार्य हिंदी में ही अनिवार्य करना होगा, ताकि हिन्दी लिखने की शुद्धता बनाई जा सके।
आजीविका के सदस्यों द्वारा हिंदी को राष्ट्र भाषा के तौर पर स्थापित करने की मांग की गई इस कार्यक्रम में दुर्गेश कुमार पाठक, दिनेश कुमार, वर्षा कुमारी, सुप्रिया कुमारी, श्रद्धा कुमारी, जयश्री कुमारी, प्रीति कुमारी, काजल कुमारी, जूही कुमारी, शिवानी, नेहा आदि ने भाग लिया।