डुमरांव (बक्सर) : पशुपालन विभाग में दवा है पर डॉक्टर नहीं। यह हाल है हरियाणा फार्म स्थित पशु अस्पताल का। जहां डॉक्टर नहीं होने से पशुओं के इलाज सहित लाभ नहीं मिल रहा है। यहां पदस्थापित डॉ.सीएम सिंह की मूल पदस्थापना अरक गांव स्थित पशु अस्पताल में है। लेकिन, उनको डुमरांव हरियाणा फॉर्म स्थित पशु अस्पताल का प्रभार है। इसके अलावा कोरानसराय और केसठ का भी प्रभार दिया गया है। इस अस्पताल के डॉक्टर के प्रभार में होने से सबसे अधिक परेशानी पशुपालकों को होती है। पशुओं को बीमारी की स्थिति में पशुपालकों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। डुमरांव पशु अस्पताल में दवा तो है, लेकिन डॉक्टर नहीं है। सोमवार को यह स्थिति तब सामने आई जब डॉक्टर विभागीय काम से बक्सर गए थे और खाली कुर्सी पशुपालकों को मुंह चिढ़ा रही थी। ऐसे में पशु के इलाज संबंधी कार्य से आए लोग निराश वापस लौट रहे थे। अस्पताल पर रात्रि प्रहरी दिन में भी सेवा दे रहा था। उसने बताया कि डॉक्टर साहब विभागीय काम से बक्सर गए हैं। सरकारी स्तर पर मवेशी डॉक्टर के नहीं होने से झोलाछाप डॉक्टरों को काफी लाभ मिल रहा है। शहरी तथा ग्रामीण इलाके में इनकी सक्रियता काफी अधिक है। झोलाछाप डॉक्टरों को कम ज्ञान होने के चलते पशुओं के नुकसान की शिकायतें ज्यादा मिल रही हैं।